.      तर्ज़- मत घबड़ा नादान , श्याम*       

.      तर्ज़- मत घबड़ा नादान , श्याम*       




     तर्ज़- मत घबड़ा नादान , श्याम*

                         
श्याम धणी सरकार, बड़ो ही प्यारो है ,
श्याम को हर दरबार, जगत सै न्यारो है |
                       
जो भी श्याम कै मन्दिर ज्यावै,
श्याम चरण मँ अरज़ लगावै,
सैं की सुणे पुकार, कह्वै जग सारो है ||1||
                        
कलजुग को यो साँचो धणी है,
सैं की बिगड़ी अठै बणी है,
गुण गावै सँसार, यो साँचो दुआरो है ||2||
                       
कह्वै *" रवि "* जग पूज रह्यो है,
सारो ही जग उमड़ रह्यो है,
साँचो लखदातार, यो नारो म्हारो है. ||3||
      
     रविन्द्र केजरीवाल " रवि "


जै श्री राधे कृष्ण


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श्री कृष्णायसमर्पणं



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