
लाल गोपाल गुलाल हमारी
आँखिन में जिन डारो जू।
बदन चन्द्रमा नैन चकोरी
इन अन्तर जिन पारो जू।
गावो राग बसन्त परस्पर
अटपटे खेल निवारो जू।
कुमकुम रंग सों भरी पिचकारी
तकि नैनन जिन मारो जू॥
बंक विलोचन दुखमोचन
लोचन भरि दृष्टि निहारो जू।
नागरी नायक सब सुख गायक
कृष्णदास को तारो जू॥
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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