
मोरी चुनरी मे लग गयो दाग री,
श्याम ऐसो चटक रंग डारयो |
एक से एक या ब्रज म सुन्दर,
ये तो मो से ही खेले फाग री,
श्याम ऐसो चटक रंग डारयो ||1||
औरन को आँचल नही पकडे,
यां की मो से ही लग रही लागरी,
श्याम ऐसो चटक रंग डारयो ||2||
यां रसिया बिन चैन न आवे,
ऐसी होरी म लग जावे आग री,
श्याम ऐसो चटक रंग डारयो ||3||
चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,
आज खुले हमारे भाग री,
श्याम ऐसो चटक रंग डारयो ||4||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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