
ओ पिया !
तुम बिन रहा न जाये
विरह पीर मन में अति भारी
हाय मोसे सम्भल न पाये
निशदिन बैठी मैं मग जोऊं
कभी तो पिया जी तेरी होऊं
नैना मेरे अंसुअन भीजे जिया मेरा भर भर आये ||1||
साज सिंगार मोहे ना भावे
बिरहन की जग हंसी उड़ावे
कौन सुने मेरे मन की बतियाँ किसको पीर दिखाये ||2||
रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया
कब आवे सखी मेरो सांवरिया
नैना बदरी सम मोरे बरसे बाँवरी नित अकुलाये ||3||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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