
मन का बर्तन साँझ सवेरे माँज डालो जी |यह बर्तन तेरा
मन का बर्तन साँझ सवेरे
माँज डालो जी |
यह बर्तन तेरा बड़ा ही मैला
काम क्रोध का दाग कसैला
माँज डालो जी ll1ll
संयम नियम का जूना लेके
इंद्र दमन की राख लगाकर
हरि नाम का रगड़ा देकर
माँज डालो जी ll2ll
चमक जाये जब बर्तन तेरा
तभी करे भगवान जी फेरा
प्रेम दास का बर्तन भारी ||3||
मांजे मंजे न माँज हारी
कंचन कर दो कुञ्ज बिहारी
माँज डालो जी ll4ll
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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