
तेरे चरणों में हो जीवन की शाम,
किशोरी यही मांग मेरी |
पाँऊ श्री चरणों में विश्राम,
किशोरी यही मांग मेरी |
गुण अवगुण पर ध्यान न देना,
मुझ पापी को अपना लेना ,
मेरी बहियाँ श्यामा लेना थाम ||1||
जीवन की संध्या बेला हो प्यारी,
नैनन में हो छवि तुम्हारी,
मेरे मुख में हो किशोरी तेरो नाम ||2||
जन्म-जन्म की प्यास यही है,
चित्र-विचित्र की आस यही हैं,
प्यारी मिल जाये बरसानो धाम ||3||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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