जैसे राधा ने माला जपी श्याम कीमैंने ओढ़ी चुनरिया तेरे
जैसे राधा ने माला जपी श्याम की
मैंने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की
तेरे नाम की हो पिया, तेरे ही नाम की
राधा ने माला जपी श्याम की॥
प्रीत क्या जुड़ी, डोर क्या बँधी
बिना जतन, बिना यतन, हो गई मैं नयी
बिना मोल की मैं बिकी, बिना दाम की
राधा ने माला जपी श्याम की ||1||
क्या तरंग है, क्या उमंग है
मोरे अँग-अँग रचा, पी का रंग है
शर्म आई, कैसे कहूँ बात श्याम की
राधा ने माला जपी श्याम की ||2||
पा लिया तुझे, पाई हर खुशी
चाहूँ बार-बार चढ़ूँ, तेरी पालकी
सुबह शाम की ये प्यास बड़े काम की
राधा ने माला जपी श्याम की ||3||
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
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