मेरी स्वामिनी प्यारी राधा ,जय राधा रूप अगाधा ,राधा राधा
मेरी स्वामिनी प्यारी राधा ,
जय राधा रूप अगाधा ,
राधा राधा श्री राधा राधा ,|
लालन पर बरसो सुख नेहा ,
दिजो मोहे नेह रस भोरी ,
यह अभिलाष लडैती मेरी ,
तुम लालन संग मुदित विराजो ,
मोहे करो मुख चंन्द्र चकोरी,
निज चरणन की रति दिजे ,
मोहे महल टहलनी किजे,
प्यारी नित तेरो दर्शन पाऊँ ,
तेरो हुलस हुलस जस गाऊँ ,
मेरी स्वामिनी प्यारी राधा
जय राधा रूप अगाधा ||1||
हो तब हूँ परम अभागी,
जब लौ नहीं चकणन लागी
कब टेर के निकट बिठाओ ,
कब अपनो भाग्य मनाऊँ ,
निज चरण की नेह रस भोरी ,
मोहे कृत कृत करो किशोरी ,
मेरी स्वामिनी प्यारी राधा ,
जय राधा रूप अगाधा ,
राधा राधा श्री राधा राधा , ||2||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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