चले श्याम सुंदर से मिलने चले सुदामागाते चले मन में
चले श्याम सुंदर से मिलने चले सुदामा
गाते चले मन में हरे कृष्ण रामा |
लोटा व डोरी काँधे पे लटकाये
चावल की पोटली बगल में दबाये
पहुंचे हैं जाये द्वारका पूरी धामा ll1ll
विप्र सुदामा जो द्वारे पे आये
छोड़ के सिंहासन श्री कृष्ण जी धाये
सीने से सीना मिलाय घनश्यामा ll2ll
हँस हंस के पूछे वो कृष्ण कन्हाई
कहो भेंट भेजी है क्या भौजाई
चावल की पोटली छिपावे सुदामा ll3ll
रहो कुछ दिन श्याम के संग सुदामा
चलो फिर तो घनश्याम ऐसे हैं बोले
आओ भइया रहो यही ठामा ll4ll
विदा माँग कर फिर सुदामा चला है
मगर उसको अपना घर न मिला है
झोपड़ियों के बदले महल था वहाँ पर
सुदामा को धोखा करारा रहा है ll5ll
नारी सुशीला जो द्वारे पे आयी
पति को देख विरह यह सुनाई
आओ स्वामी हरने दिया है धन धामा ll6ll
तब तो सुदामा जी महलन को धाये
प्रेम से हरि के कीर्तन गाये
मण्डल कहे बोलो जय जय सिया रामा ll7ll
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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