मोको कहाँ ढूंढे रे बन्दे ,मैं तो तेरे पास में।ना
मोको कहाँ ढूंढे रे बन्दे ,
मैं तो तेरे पास में।
ना मैं तीरथ में, ना मैं मुरत में,
ना एकांत निवास में ||1||
ना मंदिर में , ना मस्जिद में,
ना काबे , ना कैलाश में||2||
ना मैं जप में, ना मैं तप में,
ना बरत ना उपवास में ||3||
ना मैं क्रिया करम में,
ना मैं जोग सन्यास में ||4||
खोजी हो तो तुरंत मिल जाऊ,
इक पल की तलाश में ||5||
कहत कबीर सुनो भई साधू,
मैं तो तेरे पास में ||6||
– कबीर
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
*
0 Comments: