मोको कहाँ ढूंढे रे बन्दे ,मैं तो तेरे पास में।ना

मोको कहाँ ढूंढे रे बन्दे ,मैं तो तेरे पास में।ना






मोको कहाँ ढूंढे रे बन्दे ,
मैं तो तेरे पास में।




ना मैं तीरथ में, ना मैं मुरत में,
ना एकांत निवास में ||1||




ना मंदिर में , ना मस्जिद में,
ना काबे , ना कैलाश में||2||




ना मैं जप में, ना मैं तप में,
ना बरत ना उपवास में ||3||




ना मैं क्रिया करम में,
ना मैं जोग सन्यास में ||4||




खोजी हो तो तुरंत मिल जाऊ,
इक पल की तलाश में ||5||




कहत कबीर सुनो भई साधू,
मैं तो तेरे पास में  ||6||






– कबीर







जै श्री राधे कृष्ण


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श्री कृष्णायसमर्पणं

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