मेरो मन ले गयो ....ले गयो.. ले गयो री नन्द
मेरो मन ले गयो ....
ले गयो.. ले गयो री नन्द किशोर|
अँखियन में भर आंसू दे गयो
वा ही दिखे चहुँ ओर ||1||
भूली बिसरी उत् डोलू
कहाँ छुपा चित्त को चोर||2||
भई बावरी ना कछु सूझे
बस गयो नैनन कोर||3||
हाय रे छलिया रसिया प्रीतम
अब नाय कछु अपनों जोर ||4||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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