कोई जाये तो वृन्दावन

कोई जाये तो वृन्दावन



कोई जाये जो वृन्दावन,
         मेरा पैगाम ले जाना,
मैं खुद तो जा नहीं पाऊँ,
          मेरा प्रणाम ले जाना ।




ये पूछना मुरली वाले से
        मुझे तुम कब बुलाओगे,
पड़े जो जाल माया के
      उन्हे तुम कब छुडाओगे ।
मुझे इस घोर दल-दल से,
         मेरे भगवान ले जाना ॥1||




जब उनके सामने जाओ
          तो उनको देखते रहना,
मेरा जो हाल पूछें तो
        ज़ुबाँ से कुछ नहीं कहना ।
बहा देना कुछ एक आँसू
          मेरी पहचान ले जाना ॥2||




जो रातें जाग कर देखें,
          मेरे सब ख्वाब ले जाना,
मेरे आँसू तड़प मेरी..
        मेरे सब भाव ले जाना ।
न ले जाओ अगर मुझको,
         मेरा सामान ले जाना ||3||




मैं भटकूँ दर ब दर प्यारे,
          जो तेरे मन में आये कर,
मेरी जो साँसे अंतिम हो..
        वो निकलें तेरी चौखट पर ।
‘हरिदासी’ हूँ मैं तेरी..
          मुझे बिन दाम ले जाना||4||

जै श्री राधे कृष्ण



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श्री कृष्णायसमर्पणं

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