तर्ज:- ये रेशमी जुल्फें ये शरबती आँखें..भक्तों के झूले में,
तर्ज:- ये रेशमी जुल्फें ये शरबती आँखें..
भक्तों के झूले में, श्री श्याम बैठे हैं,
हाथ में भक्त के डोर भगवान की।
झूला भक्तों ने सुन्दर सा बनवा रखा
श्याम आये अकेले ना लाये सखा
साथ ना गोपी बाला है,
ना कोई बृज का ग्वाला है||1||
धीरे धीरे झुलाना सम्भल के जरा
आज इनका अनाङियों से पाला पङा
कहीं श्याम ना डर जाये
झूले से ना उतर आये||2||
फँस गये नटखट कन्हैया भक्तों के घर
अब तो मुरली बजा दो हे श्यामसुन्दर
राधा ढूँढती आयेगी
तब जोङी जम जायेगी||3||
सारी दुनिया की डोरी हिलाते प्रभु
अपनी मर्जी से हमको नचाते प्रभु
"बिन्नू" आज मिला मौका
मान बढा है भक्तों का||4||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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