अकेली मत जइयो राधे, यमुना के तीर बंसी वट में ठग लागत

अकेली मत जइयो राधे, यमुना के तीर बंसी वट में ठग लागत



अकेली मत जइयो राधे,
 यमुना के तीर 



बंसी वट में ठग लागत है

         सुन्दर श्याम शरीर.||1||




बिन फांसी बिन भुजबल मारत

        बिन गाँसी बिन तीर ||2||




वाके रूप जाल में फंसकर

        को बचि है मेरी बीर||3||




घर बैठो भर लाऊँ गगरिया

       मन में राखो धीर ||4||




धन सुख धाम गये नही चिंता

        प्राण गये नही पीर ||5||




सूरदास कुल कान गये ते

        धिक् धिक् जन्म शरीर ||6||


जै श्री राधे कृष्ण



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श्री कृष्णायसमर्पणं

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