हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनकेमैं फिरूँ श्याम तेरे
हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ।
एक जमाना था बुलाने से चला आता था
तुझको कण कन में मेरा चेहरा नजर आता था
टूट गयी मैं तेरे चेहरे का दर्पण बनके ।।1।।
याद कर वादा जो किया तूने यमुना तट पे
जी सकूँगा न कभी तुझसे मैं दूर रहके
छल गया छलिया मुझको मेरा दुश्मन बनके ।।2।।
कांच के जैसा मेरा दिल तूने तोड़ दिया
ऐसा लगता है जैसे शीशे की तरह दिल तोड़ दिया
अब तो हर याद मुझे डसती है नागिन बनके ।।3।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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