
कब लोगी राधेरानी हमरी खबरिया
काँसे सुनाऊँ राधे, अपनी अरज़िया।।
करुणामयी हो करुणा दिखा दो,
भटकी बहुत हूँ राधे रस्ता दिखा दो,
देर करो न राधे, भानु की दुलरिया।।
शीश पे मेरे राधे हाथ धरो न,
टूट चुकी हूँ राधे देर करो न,
नाम जपूँ मैं राधे, बनके बाँवरिया।।
तुम्हरी तो किरपा राधे सब ही पे बरसे,
प्यासा बिकल मन बूँद को तरसे,
बरसेगी कब राधे कृपा की बदरिया।।
अँखियों के अंसुअन राधे सूख गए हैं,
दुनिया से नाते राधे टूट गए हैं,
अब तो बुला लो राधे, अपनी नगरिया।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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