आली म्हांने लागे वृन्दावन नीको।घर घर तुलसी ठाकुर पूजा ,दरसण

आली म्हांने लागे वृन्दावन नीको।घर घर तुलसी ठाकुर पूजा ,दरसण



आली म्हांने लागे वृन्दावन नीको।

घर घर तुलसी ठाकुर पूजा ,
दरसण गोविन्दजी को।।

निरमल नीर बहत जमुना में ,
भोजन दूध दही को।

रतन सिंघासन आप बिराजैं ,
मुगट धरह्ह्यो तुलसी को।।

कुंजन कुंजन फिरति राधिका,
 सबद सुनन मुरली को।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर ,
भजन बिना नर फीको।।




जै श्री राधे कृष्ण
🌺





श्री कृष्णायसमर्पणं

post written by:

Related Posts

0 Comments: