मधुरीसी बेन बजायके ।
मेरो मन मोह्यो सांवरा ॥
मेरे आंगनमें बांसको बेडलो
सिंचो मन चित्त लायके ।
अब तो बेरण भई बासरी
मोहन मुखपर आयके ||1||
मैं जल जमुना भरन जातरी
मारग रोक्यो आयके ।
बनसीमें कछु आचरण गावे
राधेको नाम सुनायके ||2||
घुंघटका पट ओडे आवें
सब सखियां सरमायके ।
कहां कहेली सहेली सासु
नणंदी घर जायके ||3||
सूरदास गोकुलकी महिमा
कबलग कहूं बनायके ।
एक बेर मोहे दरशन दीजो
कुंज गलिनमें आयके ||4||

जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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