
मीरा मगन भई हरि के गुण गाय।।
सांप पिटारा राणा भेज्या मीरा हाथ दिया जाय।
न्हाय धोय जब देखन लागी सालिगराम ग पाय||1||
जहरका प्याला राणा भेज्या इम्रत दिया बनाय।
न्हाय धोय जब पीवन लागी हो ग अमर अंचाय ||2||
सूली सेज राणा ने भेजी दीज्यो मीरा सुवाय।
सांझ भ मीरा सोवण लागी मानो फूल बिछाय ||3||
मीरा के प्रभु सदा सहाई राखे बिघन हटाय।
भजन भाव में मस्त डोलती गिरधर पर बलि जाय||4||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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