Home › Krishna Bhajan शरद की रैन बड़ी उजियाल,बिरज में रास रच्यो गोपाल।इक इक in Krishna Bhajan published on 19 October leave a reply शरद की रैन बड़ी उजियाल,बिरज में रास रच्यो गोपाल।इक इक गोपी इक इक कान्हा,नृत्य करत नंदलाल ।।मोर मुकुट सिर कानन कुंडल, केशर चंदन भाल।नटवर वेश धरयो मनमोहन, गल बैजन्ती माल ।।जै श्री राधे कृष्ण🌺श्री कृष्णायसमर्पणं Previous Post Next Post post written by: रचनाकार
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