
हर खुशी मिल जाएगी तुझे
चरणों मे झुक जाने के बाद
कुछ नही बिगड़ेगा तेरा हरि
शरण आने के बाद।
प्रेम के मंजिल के राही
कष्ट पाते हैं मगर
बीज फलता है सदा
मिट्टी में मिल जाने के बाद ।।1।।
देखकर काली घटा को
ऐ भ्रमर मत हो निराश
बन्द कलियाँ भी खिलेंगी
रात ढल जाने के बाद ।।2।।
जब तलक है भेद मन में
कुछ नहीं कर पायेगा
रंग लायेगा ये साधन
भेद मिट जाने के बाद।।3।।
पूछो इन फूलों सेजाकर
छाई है कैसे बाहर
कब तलक काँटो पे सोया
डाल पर आने के बाद ।।4।।

जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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