
मेरे पाप है ज़्यादा पुण्य है कम
श्री राधे बसा लो वृंदावन ।
श्री राधे बसा लो वृंदावन|
विषयों की आँधी आती है
सब पुण्य नष्ट कर जाती है
अब किसको बताऊँ मेरे करम
श्री राधे बसा लो वृंदावन ।।1।।
है सर्वेर्श्वरी कृपा कर दो
करुणा करके झोली भर दो
मेरी कौन सुने इतने है गम
श्री राधे बसा लो वृंदावन।।2।|
जिनको अपना मै कहता हूँ
जिनके अंग संग में रहता हूँ
वही रिश्ते बिगाड़े मेरे जनम
श्री राधे बसा लो वृंदावन ।।3।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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