
जीवन की घड़ियाँ व्यर्था न खो,
ॐ भजो हरी ॐ भजो |
ॐ ही सुख का सार है , ॐ ही जीवन आधार है
वृत्ति न इसकी मन से तजो , ॐ भजो ||1||
साथी बनालो ॐ को , मन में बिठा लो ॐ को
चादर न लम्बी तन के सो , ॐ भजो .||2||
चोला यही है कर्म का , करने को सौदा धर्म का
धोना जो चाहो जीवन धो , ॐ भजो ||3||
मन की गति को सभालिए , भक्ति को ओर डालिए
इसके सिवा मार्ग न कोय , ॐ भजो ||4||
घट घट में हरी को पहचानिए , स्वासों की कीमत जानिए
नर तन का पाना हो न हो , ॐ भजो ||5||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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