
जीवन का सच्चा सुख स्वामिनि श्री राधे तुम्हारे चरणों में।
मेरा तन मन धन सब अर्पण है, श्रीराधे तुम्हारे चरणों में।
ये राग द्वेष आशा तृष्णा, सब मन से मेरे हट जावें।
मेरे जीवन की ये बागडोर श्री राधे तुम्हारे चरणों में||1||
नहि प्रेम भाव मुझ में किञ्चित् , सेवा का मुझ को ज्ञान नही,
मेरे तीरथ सब धाम यहीं, श्री राधे तुम्हारे चरणों में ||2||
मेरा रोम रोम श्री राधा रटे, मेरी श्वास श्वास श्री कृष्ण कहे,
मुझे अपने धाम बुला लेना, श्रीराधे तुम्हारे चरणों में||3||
दासी हूं तुम्हारे चरणों की , मेरा सर्वस्व समर्पित है,
मेरा ध्यान हमेशा लगा रहे, श्रीराधे तुम्हारे चरणों में ||4||
स्वामिनि चरणों की आस मुझे , बस एक झलक दिखला देना,
मेरी विनती बारंबार यही , श्रीराधे तुम्हारे चरणों में||5||
तुम ही जग की जननी अम्बा , भामिनि व्रज नन्दन मन की ,
मैं सौंप रही तन मन जीवन, श्रीराधे तुम्हारे चरणों में।|6||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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