
मेरे उठे कलेजे पीर सखी, मैं वृन्दावन जाऊँगी.बाजे मुरली यमुना
मेरे उठे कलेजे पीर सखी, मैं वृन्दावन जाऊँगी.
बाजे मुरली यमुना तीर सखी, मैं वृन्दावन जाऊँगी|
श्याम सलोनी सूरत की दीवानी हो गई
सखी, कैसे पाऊं धीर , मैं वृन्दावन जाऊँगी ||1||
नैन लगे गिरिधर से, मैं तो पागल हो गयी
अब कैसे दिखाऊँ दिल चीर सखी , मैं वृन्दावन जाऊँगी ||2||
छूट गया मेरा भोजन पानी, श्याम की याद में
दुनिया से भई फ़कीर सखी , मैं वृन्दावन जाऊँगी||3||
वृन्दावन जाऊंगी सखी , मैं बरसाना जाऊँगी
बरसाना जाऊँगी सखी , मैं गोवर्धन जाऊँगी
गोवर्धन जाऊंगी सखी , मैं राधा कुण्ड नहाऊंगी
राधा कुण्ड नहाऊंगी सखी , मैं जोगन बन जाऊँगी
जोगन बन जाऊँगी सखी , मैं गिरिधर गुण गाऊँगी
मेरे उठे कलेजे पीर सखी , मैं वृन्दावन जाऊँगी
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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