मेरे उठे कलेजे पीर सखी, मैं वृन्दावन जाऊँगी.बाजे मुरली यमुना

मेरे उठे कलेजे पीर सखी, मैं वृन्दावन जाऊँगी.बाजे मुरली यमुना












मेरे उठे कलेजे पीर सखी, मैं वृन्दावन जाऊँगी.
बाजे मुरली यमुना तीर सखी, मैं वृन्दावन जाऊँगी|



श्याम सलोनी सूरत की दीवानी हो गई

सखी, कैसे पाऊं धीर , मैं वृन्दावन जाऊँगी ||1||




नैन लगे गिरिधर से, मैं तो पागल हो गयी

अब कैसे दिखाऊँ दिल चीर सखी , मैं वृन्दावन जाऊँगी ||2||




छूट गया मेरा भोजन पानी, श्याम की याद में

दुनिया से भई फ़कीर सखी , मैं वृन्दावन जाऊँगी||3||



वृन्दावन जाऊंगी सखी , मैं बरसाना जाऊँगी
बरसाना जाऊँगी सखी , मैं गोवर्धन जाऊँगी

गोवर्धन जाऊंगी सखी ,  मैं राधा कुण्ड नहाऊंगी

राधा कुण्ड नहाऊंगी सखी , मैं जोगन बन जाऊँगी


जोगन बन जाऊँगी सखी , मैं  गिरिधर गुण गाऊँगी 

मेरे उठे कलेजे पीर सखी , मैं वृन्दावन जाऊँगी


जै श्री राधे कृष्ण
🌺





श्री कृष्णायसमर्पणं

post written by:

Related Posts

0 Comments: