
छोड़कर सारे पागलपनराम गुन गा ले रे ये मन ।रामकथा
छोड़कर सारे पागलपन
राम गुन गा ले रे ये मन ।
रामकथा शिव पुनि पुनि गायी
जगजननी के मन अति भायी
ब्रह्मा गणपति शिव नारद के
तन्मय किया सृजन ।।1।।
क्रूर कराल दस्यु रत्नाकर
सारे पापो से उकता कर
उल्टा नाम सो मरा मर जप
बदला अपना मन ।।2।।
जिसको सबने ठोकर मारी
माना सदा अमंलकारी
धन्य हो गया उस तुलसी का
राम चरित गायन।।3।।
राम नाम का मिले सहारा
जन्म मरण से हो छुटकारा
माया में मत उलझ न नष्ट कर
तू अपना जीवन ।।4।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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