राम नाम-रस पीजै मनुआं, राम-नाम-रस पीजै।तज कुसंग सत्संग बैठ नित, हरि-चर्चा सुनि

राम नाम-रस पीजै मनुआं, राम-नाम-रस पीजै।तज कुसंग सत्संग बैठ नित, हरि-चर्चा सुनि








राम नाम-रस पीजै मनुआं,
 राम-नाम-रस पीजै।


तज कुसंग सत्संग बैठ नित,
 हरि-चर्चा सुनि लीजै।।1||


काम क्रोध मद लोभ मोहकूं ,
बहा चित्तसें दीजै||2||


मीरा के प्रभु गिरधर नागर ,
ताहिके रंग में भीजे।।3।।





जै श्री राधे कृष्ण
🌺






श्री कृष्णायसमर्पणं

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