
भरोसा कर तू सद्गुरु का
कभी धोखा नहीं होगा ।
ये जीवन बीत जाएगा
कभी रोना नहीं होगा।
कभी सुख कभी दुख है
ये जीवन धूप छाया है
हंसी में ही बिताना है
बिता ले कि ये माया है।।1।।
यहां कुछ भी तो नही जग में
मेरे बस कर्म की माया
तू खुद ही धूप में बैठा
ये तेरे कर्म की माया ।।2।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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