में तो श्याम की दीवानी होई रे, मैं तो सांवरे के
में तो श्याम की दीवानी होई रे,
मैं तो सांवरे के रंग में खोई रे
तू मेरौ मै तेरी सांवरिया,
मन में बस गई तेरी सुरतिया
मै तो श्याम रंग चुनर भिगोई रे।। 1।।
हरि के कारण बन गई जोगन,
लाइलाज भई ऐसी में रोगन
मेरी रातों की निंदिया भी खोई रे ।।2।।
बेदर्दी तौये तरस ना आवे,
श्याम पिया तेरी याद सतावै
कहां प्रीत की रीत निभाई रे ।।3।।
हिय मटके सांवरिया नन्द नंदन,
ढूंढो गली गली बृज वृन्दावन
सारी गोकुल ढूंढ मचाई रे।। 4।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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