तर्ज़ सावन का महीना पवन करे शोर ।सावन का महीना,
तर्ज़ सावन का महीना पवन करे शोर ।
सावन का महीना, चले है पुरवैया
झूल रही है राधा, झुलावे कन्हैया |
अमवा की डाली पर, झूला बंधाया
रंग अनोखा देखो, सब पर है छाया
नाचे गोपी ग्वाले, सब ही ता ता थैया ||1||
कारे कारे बदरा है, गगन पे छाए
नाचे मयूरा देखो, पंखों को फैलाये
मीठे गीत सुनाए, मतवाली कोयलिया ||2||
कन्हैया बजाए बंसी, राधा को झुलाए
कहता "रवि" हम तो, वारी वारी जाऊं
युगल छवि है प्यारी, नज़रें वारो भैया ||3||
झूल.... रविन्द्र केजरीवाल "रवि
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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