झोटा दीजो सँभार के मेरी सारी न अटके |तुम तो
झोटा दीजो सँभार के मेरी सारी न अटके |
तुम तो हो नटखट गिरधारी, राह चलत रोकी ब्रजनारी
राधे के सरताज रे, मेरी सारी न अटके ||
बरसाने की मैं हूँ नारी, मान जाओ नहीं तो दूँगी गारी
तुम हो निपट गँवार रे, मेरी सारी न अटके ||
झूला पड़ा कदम की डारी, झूलन जाय रही गिरधारी
तुम जिन के अवतार रे, मेरी सारी न अटके ||
चंद्रसखी भज बालकृष्ण छवि, मुख ज्योति ज्यों कोटि कोटि रवि
चरण कमल बलिहार रे, मेरी सारी न अटके ||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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