प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां ।
सज्यो धजो बनडों सो बनकर सिंहासन पर बैठ्यो जी
मोटा मोटा सेठ द्वार पर चँवर डुलावे है ।।1।।
सेठा को भी सेठ जगत को महा सेठ सांवरिया जी
जो भी आवे द्वार पर अपडा शीश झुकावे है ।।2।।
शीश मुकुट कानन में कुंडल गले में बैजंती माला जी
रतन जड़ित बागों सोना को छतर सुहावे है ।।3।।
झूठो रंग छाड़ि गया सब लक्ष्मी संग बन जावो जी
नंदू बाबा सबकी नैया पार लगावे जी ।।4।।
जय श्री राधे कृष्ण । श्री कृष्णाय समर्पणं
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