
तर्ज़-अपने पिया की मैं तो
फागण मँ पग मँ म्हारै घूघरा बँधायदयो, कीर्तन मँ आज 'म्हानै,नचवायदयो' | साँवरै कै कीर्तन माँहि, छम छम नाचस्यां, ढपली की थापी ऊपर, रँग जमायस्यां, फागण धमाल'म्हानै, सुणवायदयो' ||1|| फागणीये मँ मन रो पँछी, बस मँ कोन्या आवै, खाटू की दिशा मँ बो तो, उड़तो ही ज्यावै, म्हानै भी ऊँची कूद"लगायबादयो ||2||
फागण कै मेलै मँ चालो, श्याम धणी सै मिलस्यां "रवि" कह्वै मन्दरिये मँ, गैहरो रँग उड़ायस्यां म्हानै भी फाग तो "रमाय बा दयो" ||3||
रविन्द्र केजरीवाल"रवि
जय श्री राधे कृष्ण
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