हे श्याम, श्याम, श्याम, श्याम,मेरे श्याम करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ मैं तो होय

हे श्याम, श्याम, श्याम, श्याम,मेरे श्याम करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ मैं तो होय








हे श्याम, श्याम, श्याम, श्याम,
मेरे श्याम करुणा सुनो श्याम मेरी ॥
 मैं तो होय रही चेरी तेरी,
करुणा सुनो श्याम मेरी  ॥




दरसन कारन भयी बावरी, बिरह व्यथा तन घेरी,
तेरे कारन जोगन हूँगी, दूंगी नगर बिच फेरी,
कुञ्ज बन हेरी हेरी, करुणा सुनो श्याम मेरी ॥1||




अंग बभूत गले मृग छाला, यूं तन भसम करूंगी,
अजहूँ न मिल्या श्याम अबिनासी, बन बन बीच फिरुंगी,
रोऊँ नित हेरी फेरी, करुणा सुनो श्याम मेरी ॥2||




जब मीरा को गिरिधर मिलिया, दुःख मेटन सुख भेरी,
रोम रोम साका भई उर में, मिट गयी फेरा फेरी,
रही चरनन तर चेरी, करुणा सुनो श्याम मेरी ॥



जय श्री राधे कृष्ण
 श्री कृष्णाय समर्पणम्



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