विनती करूँ मे बार बार, श्याम का भजन कर ले |

विनती करूँ मे बार बार, श्याम का भजन कर ले |








तर्ज- नैणो से नैण हुए चार


विनती करूँ मे बार बार,
श्याम का भजन कर ले |



श्याम भजन मे रमज़ा रे प्राणी,
चार दिनों की ये जिंदगानी,
थोडा तूँ सोच विचार...श्याम का ||1||




सोच जरा क्यों दुनिया मे आया,
माया के चक्कर मे खुद को फँसाया,
कितना हुवा तूँ लाचार... श्याम का ||2||




भजनों की पूँजी ही तेरी कमाई,
लाख दुखो की ये एक दवाई,
जीवन मे आये निखार... श्याम का ||3||




बीत गयी उसको जाने दो यारो,
अब भी समय है जीवन सुधारो,
"बिन्नू" की ये ही पुकार...श्याम का ||4||


जय श्री राधे कृष्ण

       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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