गोकुल में बजत बधाई, ऐरी माई मैं सुन के आई |मात

गोकुल में बजत बधाई, ऐरी माई मैं सुन के आई |मात






गोकुल में बजत बधाई, 
ऐरी माई मैं सुन के आई |




मात यशोदा बलि बलि जाये, 
प्रगटे हैं क्रिष्ण कन्हाई ||1||




द्वारे भीड़ गोप गोपीन की, 
रत्न भूमि सब छाई||2||




नाचत वृद्ध तरुण अरु बालक, 
रत्न भूमि सब छाई ||3||




झांझ म्रदंग मजीरा बाजे, 
और बजत शहनाई | |4||




अति आनंद होत गोकुल में, 
महिमा बरनि ना जाई ||5||




सूरदास स्वामी सुखसागर, 
सुंदर-श्याम कन्हाई ||6||


जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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